अपराधों का संज्ञान

अमोल मालुसरे – मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ ग्राम न्यायालय अधिनियम,  1996 (क्रमांक 26 सन 1997)* के अधीन  धारा 18 के अनुसार ग्राम न्यायालय  अपराधों का संज्ञान किन स्थिति में कर सकेगा ?

उत्तर / जानकारी – मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ ग्राम न्यायालय अधिनियम,  1996 (क्रमांक 26 सन 1997)* के अधीन  धारा 18 के अनुसार –

धारा 18.  अपराधों का संज्ञान-

ग्राम न्यायालय, इस अध्याय के उपबंधों के अध्यधीन रहते हुए, किसी अपराध का संज्ञान निम्नलिखित स्थिति में कर सकेगा-

क) ऐसे तथ्यों की, जिनसे ऐसा अपराध गठित होता है, शिकायत प्राप्त होने पर;

 

ख) ऐसे तथ्यों की पुलिस रिपोर्ट पर।

 

टिप्पणी-

धारा 18- ग्राम न्यायालय अपराध का संज्ञान निम्न मुद्दोंपर कर सकेगा-

अ) जब उसे शिकायत प्रापत हो और उसमें ऐसे तथ्य दिये गये हों जिनसे अपराध गठित होता है,

 

ब) ग्राम न्यायालय के विचाराधिकार के विचारण से संबंधित अपराध के संबंधित तथ्यों की पुलिस रिपोर्ट प्राप्त होने पर।

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