जुर्माने या प्रतिकर का व्ययन

अमोल मालुसरे – मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ ग्राम न्यायालय अधिनियम,  1996 (क्रमांक 26 सन 1997)* के अधीन  धारा 29 के अनुसार ग्राम न्यायालय द्वारा प्राप्त की जुर्माने या प्रतिकर या फीस इस जुर्माने या प्रतिकर का व्ययन हेतु प्रक्रिया क्या है?

उत्तर / जानकारी – मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ ग्राम न्यायालय अधिनियम,  1996 (क्रमांक 26 सन 1997)* के अधीन  धारा 29 के अनुसार –

धारा 29.  जुर्माने या प्रतिकर का व्ययन-

1)  ग्राम न्यायालय द्वारा प्राप्त की गई जुर्माने या प्रतिकर या फीस रकम की प्रविष्टि विहीत रजिस्टर में की जाएगी तथा इस प्रकार प्राप्त किये गये धन को एक ऐसी निधि में जमा किया जाएगा जिसे ग्राम न्यायालय निधि कहा जाएगा।

 

2)  ग्राम न्यायालय निधि की रकम ग्राम न्यायालय के व्ययों की पूर्ति के लिये उपयोजित की जा सकेगी।

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