सदस्यों द्वारा नामनिर्देशन

अमोल मालुसरे – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 55  के अनुसार प्रधान के निर्वाचन के लिए सदस्यों द्वारा नामनिर्देशन हेतु नियम क्या है?

उत्तर / जानकारी – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 55  के अनुसार

 

नियम 55.  प्रधान के निर्वाचन के लिए सदस्यों द्वारा नामनिर्देशन-

1)  प्रधान के रूप में निर्वाचित किये जाने के लिए किसी सदस्य का नाम इन नियमों से संलग्न प्ररूप छह में एक सदस्य द्वारा प्रस्तावित और दूसरे सदस्य द्वारा समर्थित किया जाएगा। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सम्यक रूप से प्रसोतावित तथा समर्थित सदस्यों के नाम लेखबध्द करेगा।

 

2) यदि केवल एक ही सदस्य का नाम प्रस्तावित किया जाता है तो मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऐसे सदस्य को प्रधान के रूप में यथा निर्वाचित घोषित करेगा।

 

3)  यदि प्रस्तावित किए गए नाम एक से अधिक हो, तो मुख्य कार्यपालक अधिकारी निर्वाचन कराने की कार्यवाही करेगा।

 

4)  मुख्य कार्यपालक अधिकारी, निर्वाचन लडने वाले अभ्यर्थियों की संख्या का विवरण देगा और सदस्यों को मतदान की रीति स्पष्ट करेगा।

 

5)  मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रत्येक सदस्य को एक मतपत्र प्रदान करेगा जिस पर निर्वाचन लडने वाले समस्त अभ्यर्थियों के नाम हिन्दी में लिखे जायेंगे जो प्ररूप- सात में होगा।

 

6)  मुख्य कार्यपालक अधिकारी मतपत्र प्रदान करने के पूर्व प्रत्येक मतपत्र पर हस्ताक्षर करेगा ताकि उसकी प्रमाणिकता उपदर्शित हो सके। प्रत्येक सदस्य मतपत्र प्राप्त होने पर मतदान के लिये पृथक रखे गये स्थान पर अग्रेसर होगा तथा वहाँ उस अभ्यर्थी के नामके सामने, जिसे वह अपना मत देना चाहता हो, मतपत्र में ×क्रास का चिन्ह लगायेगा। उसके पश्चात वह मतपत्र को मोडेगा ताकि गोपनीयता बनी रहे तथा उसे मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रत्येक अभ्यर्थी के पक्ष में दिये गये विधिमान्य मतों की गणना करेगा तथा परिणाम पत्रक में उसकी कुल संख्या को अभिलिखित करेगा और तत्पश्चात उस अभ्यर्थी का, प्रधान के रूप में सम्यक रूप से निर्वाचित होना घोषित करेगा जिसे सबसे अधिक संख्या में मत प्राप्त किये हों।

 

7)  प्रधान के निर्वाचन से व्यथित कोई पक्षकार, कलेक्टर के समक्ष तीस दिन की कालावधि के भीतर याचिका दाखिल कर सकेगा, जो पक्षकारों को सूचना देने के पश्चित याचिका का विनिश्चय करेगा।

 

8)  कलेक्टर के विनिश्चय के विरूद्ध पुनरिक्षण तीस दिन की कालावधि के भीतर जिला न्यायाधीश को होगा।

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