अमोल मालुसरे – मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ ग्राम न्यायालय अधिनियम, 1996 (क्रमांक 26 सन 1997)* के अधीन धारा 19 के अनुसार ग्राम न्यायालय द्वारा समझौता हेतु क्या प्रावधान है ?
उत्तर / जानकारी – मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ ग्राम न्यायालय अधिनियम, 1996 (क्रमांक 26 सन 1997)* के अधीन धारा 19 के अनुसार –
धारा 19. समझौता-
(1) ग्राम न्यायालय, सर्वप्रथम किसी सिविल वाद या राजस्व मामले की सुनवाई करने या किसी अपराध का विचारण करने के पूर्व, प्रत्येक मामले में प्रथमत: पक्षकारों के मध्य सुलह कराने का हर प्रकार, से प्रयास करेगा।
2) यदि कार्यवाहियों के किसी भी प्रक्रम पर, किसी सिविल वाद या राजस्व मामले में पक्षकारों के मध्य समझौता हो जाता है तो ग्राम न्यायालय ऐसा समझौता अभिलिखित करेगा और उसके निबंधनों के अनुसार, यथास्थिति, वाद या मामले का विनिश्चय करेगा और यदि दाण्डिक अपराध का शमन किया जाता है तो ग्राम न्यायालय अभियुक्त को दोषमुक्त कर देगा।
टिप्पणी-
धारा 19- अ) ग्राम न्यायालय द्वारा हर प्रकार से प्रथमत: पक्षकारों के मध्य यथाशक्य सुलह कराने का प्रयास करेगा चाहे वह सिविल दावा हो या राजस्व मामला हो या अपराध के विचारण का मामला हो।
ब. समझौता कार्यवाहियों के किसी भी स्टेज पर यदि पक्षकारों के म्ध्य समझौता हो जाता है तो ग्राम न्यायालय समझौते के विवरण को अभिलिखित करेगा और उसकी शर्तों के अनुसार दावे या मामले का विनिश्चय करेगा। अपराध के मामले में शमन किये जाने पर अभियुक्त को दोषमुक्त कर दिया जायेगा।