परिसीमा

अमोल मालुसरे – मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ ग्राम न्यायालय अधिनियम,  1996 (क्रमांक 26 सन 1997)* के अधीन  धारा 25 के अनुसार ग्राम न्यायालय की परिसीमा क्या होगी?

उत्तर / जानकारी – मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ ग्राम न्यायालय अधिनियम,  1996 (क्रमांक 26 सन 1997)* के अधीन  धारा 25 के अनुसार –

धारा 25.  परिसीमा-

कोई भी ग्राम न्यायालय-

क. किसी सिविल वाद का संज्ञान उस तारीख से, जिसका वाद लाने का अधिकार प्रोदभूत होता है तीन वर्ष का अवसान होने के पश्चात,

ख. किसी आपराधिक मामले का संज्ञान उस तारीख से, जिसको अपराध किया गया था, एक वर्ष का अवसान होने के पश्चात, नहीं करेगा।

टिप्पणी-

धारा 25-  सिविल दावे में जब वाद का अधिकार उत्पन्न होता है तो उस तारीख से तीन वर्ष की अवधि समाप्ति के पश्चात सिविल दावे का संज्ञान वर्जित होगा।

इसी प्रकार, किसी अपराध के मामले का संज्ञान अपराध कारित किये जाने की दिनांक से एक वर्ष की अवधि समाप्ति के पश्चात नहीं किया जावेगा।

 

Leave a comment