अमोल मालुसरे – मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ ग्राम न्यायालय अधिनियम, 1996 (क्रमांक 26 सन 1997)* के अधीन धारा 5 के अनुसार प्रत्येक ग्राम न्यायालय में जनपद पंचायत सात सदस्यों का नाम निर्देषण व आरक्षण कैसे होगा ?
उत्तर / जानकारी – मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ ग्राम न्यायालय अधिनियम, 1996 (क्रमांक 26 सन 1997)* के अधीन धारा 5 के अनुसार –
धारा 5- (1) प्रत्येक ग्राम न्यायालय में जनपद पंचायत सात सदस्यों का नाम निर्देषण सर्वसम्मति से किया जावेगा। यदि जनपद पंचायत यथास्थिति-
(i) ग्राम न्यायालय की स्थापना के दिनांक से साठ दिन की अवधि के भीतर यदि धारा 4 के अधीन सर्वसम्मति से नाम निर्देशित (नामिनेशन) नहीं करती है, या
(ii) ग्राम न्यायालय में किसी पद के रिक्त होने की दशा में साठ दिन की अवधि के भीतर किसी सदस्य का नाम निर्देशन नहीं कर पाती है।
तब राज्य सरकार को यह अधिकार होगा कि धारा 5(1) के प्रावधानों के अधीन वह नामनिर्देशित कर सकेगी।
2) धारा 5 (2) के अनुसार आरक्षण निम्नलिखित होगा-
(अ) अनुसूचित जातियों के लिए – एक स्थान
(ब) अनुसूचित जनजातियों के लिए – एक स्थान
(स) अन्य पिछडे वर्ग के लिए – एक स्थान
परन्तु यदि इन प्रवर्गों का कोई अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं होता है तो उस प्रवर्ग के लिए आरक्षित स्थान “अनारक्षित” हो जाएगा।