परिभाषाएं

अमोल मालुसरे – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (क) के अनुसार “अधिनियम” से क्या अभिप्रेत है ?

 

उत्तर / जानकारी – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (क) के अनुसार

 

नियम 2 परिभाषाएँ- इन नियमों में, जब तक संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-

क. ‘अधिनियम’ से अभिप्रेत है मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय अधिनियम, 1996 (क्र. 26 सन 1997);

 

अमोल मालुसरे – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (क) के अनुसार “आवेदक” से क्या अभिप्रेत है ?

 

उत्तर / जानकारी – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (ख) के अनुसार

 

नियम 2 परिभाषाएँ- इन नियमों में, जब तक संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-

 

ख. “आवेदक” से अभिप्रेत है आवेदन करने वाला या धारा 17  के अधीन वादपत्र प्रस्तुत करने वाला व्यक्ति।

 

धारा 17. सिविल वादों तथा राजस्व मामलों का संस्थित किया जाना-

ग्राम न्यायालय के समक्ष प्रत्येक सिविल वाद या राजस्व मामला वाद – पत्र, ऐसी रीती में, जैसी कि विहीत की जाए आवेदन प्रस्तुत करके संस्थित किया जाएगा।

अमोल मालुसरे – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (ग) के अनुसार “मुख्य कार्यपालक अधिकारी” से क्या अभिप्रेत है ?

 

उत्तर / जानकारी – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (ग) के अनुसार

 

नियम 2 परिभाषाएँ- इन नियमों में, जब तक संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-

 

ग. ‘मुख्य कार्यपालक अधिकारी’ से अभिप्रेत है जनपत पँचायत का मुख्य कार्यपालक अधिकारी।

 

अमोल मालुसरे – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (घ) के अनुसार “परिक्षा या साक्ष्य लेना” के अन्तर्गत क्या अभिप्रेत है ?

 

उत्तर / जानकारी – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (घ) के अनुसार

 

नियम 2 परिभाषाएँ- इन नियमों में, जब तक संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-

 

घ. अभिव्यक्ति ‘परिक्षा या साक्ष्य लेना’ के अन्तर्गत साक्षियोँ की परिक्षा, प्रति परीक्षा ओर पुनर्परिक्षा आती है।

 

अमोल मालुसरे – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (ड़) के अनुसार “प्ररुप” से क्या अभिप्रेत है ?

 

उत्तर / जानकारी – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (ड़) के अनुसार

 

नियम 2 परिभाषाएँ- इन नियमों में, जब तक संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-

 

ड. ‘प्ररुप’ से अभिप्रेत है इन नियमोँ से सँलग्न प्ररुप।

 

अमोल मालुसरे – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (च) के अनुसार “ग्राम न्यायालय” से क्या अभिप्रेत है ?

 

उत्तर / जानकारी – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (च) के अनुसार

 

नियम 2 परिभाषाएँ- इन नियमों में, जब तक संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-

 

च. “ग्राम न्यायालय ” से अभिप्रेत है अधिनियम की धारा 4  के अधीन स्थापित किया गया ग्राम न्यायालय।

धारा 4  ग्राम न्यायालय की स्थापना- राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा, प्रत्येक वृत्त के लिए एक ग्राम न्यायालय की स्थापना कर सकेगी जो कि वृत्त के मुख्यालय के नाम से जाना जाएगा।

 

अमोल मालुसरे – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (छ) के अनुसार “सदस्य” से क्या अभिप्रेत है ?

 

उत्तर / जानकारी – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (छ) के अनुसार

नियम 2 परिभाषाएँ- इन नियमों में, जब तक संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-

 

छ. “सदस्य” से अभिप्रेत है ग्राम न्यायालय का सदस्य और उसके अन्तर्तग प्रधान आता है।

 

अमोल मालुसरे – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (ज) के अनुसार “धारा” से क्या अभिप्रेत है ?

 

उत्तर / जानकारी – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (ज) के अनुसार

नियम 2 परिभाषाएँ- इन नियमों में, जब तक संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-

ज. ‘धारा’ से अभिप्रेत है अधिनियम की धारा।

 

अमोल मालुसरे – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (झ) के अनुसार “सचिव” से क्या अभिप्रेत है ?

 

उत्तर / जानकारी – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (झ) के अनुसार

नियम 2 परिभाषाएँ- इन नियमों में, जब तक संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-

झ. “सचिव” से अभिप्रेत है धारा 13  के अधीन नामनिर्देशित ग्राम न्यायालय का सचिव।

धारा 13.  ग्राम न्यायालय का सचिव-
1)  विधि का जानकार व्यक्ति जो जनपद पंचायत द्वारा धारा 5 के अधीन सदस्य के रूप में नामनिदेशित किया गया है ग्राम न्यायालय का पदेन सचिव होगा।

 

2)  सचिव ग्राम न्यायालय को इस अधिनियम के अधीन उसके कृत्यों के पालन में सहायता करेगा तथा ऐसे अन्य कृत्यों का पालन करेगा जैसा कि विहीत किया जाए।

 

टिप्पणी-

धारा 13-  जनपद पंचायत द्वारा धारा 5  के अधीन नामनिर्देशित सदस्य ग्राम न्यायालय का पदेन सचिव होगा। यह अधिनियम के अधीन कृत्यों के पालन में सहायक होगा तथा प्रधान अधिनियम द्वारा या उसके अधीन कृत्यों का पालन करेंगे।

अमोल मालुसरे – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (त्र) के अनुसार “न्यायालय सहायक” से क्या अभिप्रेत है ?

 

उत्तर / जानकारी – मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय नियम  2001 के अधीन  नियम 2 परिभाषाएं के उपधारा (त्र) के अनुसार

नियम 2 परिभाषाएँ- इन नियमों में, जब तक संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-

 

त्र. “न्यायालय सहायक” से अभिप्रेत है ऐसा व्यक्ति जो नियम 50  में विनिर्दिष्ट किया गया है।

नियम 50- ग्राम न्यायालय का सहायक-

1)  ग्राम पंचायत का सचिव, जहाँ ग्राम न्यायालय स्थित है, ग्राम न्यायालय के न्यायालय सहायक के रुप में कार्य करेगा, जिसे समय-समय पर, राज्य सरकार द्वारा नियत मानदेय का संदाय किया जाएगा।

 

2)  किसी ग्राम न्यायालय द्वारा प्रतिलिपि फीस के रूप में वसूल की गई फीस में से आधी रकम, उस ग्राम न्यायालय के न्यायालय सहायक को पारिश्रमिक के रूप में देय होगी।

 

3)  ग्राम न्यायालय के न्यायालय सहायक की अभिरक्षा में ग्राम न्यायालय के अभिलेख तथा ग्राम न्यायालय की मुद्रा होगी।

 

 

ट. उन शब्दों तथा अभिव्यक्तियों का, जो इन नियमों में प्रयुक्त हुई हैं तथा परिभाषित नहीं है, वही अर्थ होगा, जैसा कि उनके लिए अधिनियम में क्रमश:  दिया गया है।

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