वृत्त

अमोल मालुसरे – मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ ग्राम न्यायालय अधिनियम,  1996 (क्रमांक 26 सन 1997)* के अधीन  धारा 2 परिभाषाएं के उपधारा (क) के अनुसार “वृत्त” से क्या अभिप्रेत है ?

 

उत्तर / जानकारी – मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ ग्राम न्यायालय अधिनियम,  1996 (क्रमांक 26 सन 1997)* के अधीन  धारा 2 परिभाषाएं के उपधारा (क) के अनुसार –

धारा 2. परिभाषाएं-

इस अधिनियममें, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो-

(क)  “वृत्त”  से अभिप्रेत है इस अधिनियम की धारा 3 के अधीन गठित वृत्त।

ग्राम न्यायालय की स्थापना तथा उसका गठन

धारा 3.-  वृत्त का गठन- राज्य सरकार किसी ऐसे क्षेत्र को, जिसमें दस या अधिक ग्राम पंचायतें समाविष्ट हों, इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिये एक वृत्त घोषित कर सकेगी तथा उसका मुख्यालय भी विनिर्दिष्ट कर सकेगी।

 

टिप्पणी-

धारा 3- धारा 3 के अनुसार राज्य शासन किसी ऐसे क्षेत्र को जिसमें दस या दस से अधिक ग्राम पंचायते सम्मिलित हो- उस क्षेत्र को एक वृत्त के नाम से गठित किया करेगी तथा उस वृत्त में ही उसका मुख्यालय निर्दिष्ट करेगी। धारा 4 के अनुसार प्रत्येक ऐसे वृत्त के लिए एक ग्राम न्यायालय की स्थापना की जावेगी और ऐसे स्थान पर वृत्त का मुख्यालय भी होगा।

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